जोर का झटका धीरे से लगे
दुनिया भर को फ्राईड चिकन खिलाने वाली कंपनी केएफसी अब लुईविल शहर में अब सड़कों पर गड्डे भरकर उस पर अपने नाम का पोस्टर लगाने जा रही है। हर थिगड़े पर लिखा होगा "रिफ्रेशड बाई केएफसी"!
कंपनी ने इस "रिफ्रेश" प्रोग्राम के लिये अमेरिका के शहरों के मेयरों को अपने-अपने शहर को नामिनेट करने को कहा है। लाटरी के द्वारा चयन करके चार शहरों के गड्डों को इस प्रोग्राम के तहत "रिफ्रेश" किया जायेगा।
ऐसा कोई आईडिया अपने देश के बड़े दुकानदारों के दिमाग चढ़ गया तो विवाद ही विवाद और मौज ही मौज! उदाहरण के लिये -
- महात्मा गांधी मार्ग के फलाने गड्डे के प्रायोजक है किंगफिशर वाले मलाया जी
- आईबीपी वाले कहेंगे - "प्योर भी, पूरा भी" की जगह "प्योर भी, पूरा भी, भरा भी"
- Nike का "Just do it" हो जायेगा "Just did it"
- Crest वाले "Look, Ma, no cavities" की जगह कहेंगे ""Look, Mayor, no cavities"
- पेप्सी वाले कहेंगे गड्डों को देख कर कहेंगे - "ये दिल मांगे मोर"
- फोर्ड वाले गड्डा भर कर कहेंगे "Built for the Road Ahead"
- विप्रो को "Applying Thoughts" की जगह कहना पड़ेगा "Applying Patches"
- नेस्कैफे कहेगा "Open up" की जगह "Fill up" - Nescafe
- ताज ग्रुप के टाटा साब कहेंगे "Nobody cares as much"
- और राजेन्द्र मार्ग के इस गड्डे को भरा है मिरांडा ने ताकि "जोर का झटका धीरे से लगे"
12 टिप्पणियां:
बहुत स्मार्ट आईडिया है जी.
रामराम.
बहुत ही सुंदर,
धन्यवाद
क्या मार्केटिंग आयडिया है। भारत में अधिक तेजी से विकसित होगा।
अहा!! मजेदार!
मोबाइल वालों को क्यूं छोड दिया!
उनकी पंच लाइन्स कुछ इस तरह बन जाती-
" लो भर लो गड्ढा! " ( लो कर लो बात)
" connecting roads!" ( connecting india ) ....
सबका धन्यवाद! रचना जी " लो भर लो गड्ढा! " अच्छा लगा।
वाह भई वाह!
Bahut Khoob.
बहुत ही सुंदर,
धन्यवाद........
अन्दर तो छोडिये साब ...छत पर लेट कर भी कोई समाधान नही खोज पता । इसे जड़ता नही कहा जाए तो और क्या ?हालत तो ऐसी है की जब अपनी ही पीडाओं का पता नही तो दूसरों ......!
अभी भी रोटी के संघर्ष को नही जान पाया । कैसे माफ़ किया जाय मुझे ......
घर और मुल्क की गरीबी का कोई प्रभाव नही पड़ा । कैसे माफ़ किया जाय मुझे ......
वो तो सब कुच्छ ठीक है भाई.....आपकी बात हमारी भी समझ में आई.....मगर अपना ये क्या हाल बना रखा है आपने....??हाथी-हाथी से नज़र आते हो......!!हाथी पर चढ़े हुए होने तक तो गनीमत थी.....हाथी ही हो जाना....ये ज्यादती है....बेशक किसी ने कहा भी हो कि तेरे प्यार में मैं खो जाउंगा....तेरी शक्ल का मैं हो जाउंगा...!!
bahut accha.
reliance wale kahenge:-bhar diya gaddh mitti se.
It is all in a day's work in marketing !
लाजि़कल बात है प्यारे वाह....
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