Sunday, November 12, 2006

ये कैसी रही

कद्दू महोत्सव के दौरान यहां लाइब्रेरी में बच्चों के लिये कई कार्यक्रम होते हैं, उसी में मेरी बिटिया ने एक कद्दू रंगा था, जिसे बालकनी में रख कर सुखाया जा रहा था । लेकिन कद्दू पर तो इनकी नजर लगी थी..



और भर पेट भोजन के बाद मेडम यहां शायद ये गा रही हैं


Posted by Picasa

7 टिप्पणियां:

संजय बेंगाणी 11/12/2006 11:20:00 PM  

गिलहरी : हूं..., यमी बहुत दिनो बाद ऐसा रंगीन स्वादिष्ठ कद्दू खाने को मिला है.

Udan Tashtari 11/13/2006 08:39:00 AM  

वाह नितिन भाई

जितने चाव से गिलहरी खा रही है, उतने ही चाव से आपने फोटो भी उतारी है.लग तो काफी स्वादिष्ट रहा है. :)

Anonymous 11/13/2006 10:55:00 AM  

खूब रही।

Manish Kumar 11/14/2006 03:43:00 AM  

ये भी खूब रही ।

Anonymous 11/15/2006 05:13:00 AM  

महादेवी वर्मा जी ने गिलहरी पर एक कहानी लिखी थी - "गिल्लू"। वही याद आ गयी। आपने ने भी बहुत ही धैर्य के साथ तस्वीरें ली हैं।

Anonymous 12/12/2006 03:50:00 AM  

नितिन भाई बहुत दिनों से आये नहीं ब्लॉग पर . सब ठीक तो है.

Anonymous 2/04/2007 08:18:00 AM  

ये रही वो रिपोर्ट, जो एनडीटीवी पर आज सुबह प्रसारित हुई

एंकर: हिंदी में इं‍टरनेट का संसार काफी बड़ा हो गया है। मध्‍यप्रदेश के रतलाम से लेकर उत्तर प्रदेश के गोरखपुर शहरों में लोग अब हिंदी में अपना ब्‍लॉग बना रहे हैं। इन ब्‍लॉग पर आसपड़ोस से लेकर उपन्‍यासों की रचना हो रही है। हम हर हफ्ते आपको बताएंगे इंटरनेट और ब्‍लॉग की दुनिया में हिंदी कहां है... और क्‍या लिखा जा रहा है।

स्‍टोरी: ये हैं ब्‍लॉग के नारद अवतार। इस साइट पर जाइए हिंदी के तमाम ब्‍लॉग का पता मिलेगा। इंटरनेटीय नारद हिंदी के हर ब्‍लॉग में जाते हैं और उनका पता यानी लिंक अपने होमपेज में ले आते हैं। आपको नारद की तरह बस्‍ती बस्‍ती भटकने की ज़रूरत नहीं बल्कि आप नारद डॉट अक्षरग्राम डॉट कॉम पर जाइए और हिंदी ब्‍लॉग्‍स के अद्भुत संसार से जुड़ जाइए। नारद पर आपको बड़े कवियों से लेकर अब संपादक के नाम पाती लिखने वाले धुनी किस्‍म के लोग लिखते हुए मिल जाएंगे। इतना ही नहीं अगर आप इस मुश्किल में हैं कि ब्‍लॉग पर हिंदी में कैसे लिखें, तो उसका भी पता नारद ग्राम में मिल जाएगा। एकदम आसान। हिंदी में तुरंत लिखिए और इंटरनेट पर आ जाइए। यह कल्‍पना ब्‍लॉग है जो इटली में रहने वाले एक सज्‍जन चलाते हैं। इटली से हिंदी में। जो काम प्रकाशक नहीं कर सके, वो ब्‍लॉग कर रहे हैं। प्रकाशकों की कोशिशें दूतावासों की लाइब्रेरी तक सीमित रही लेकिन हिंदी के ब्‍लॉगर इसे असल मायने में दुनिया से जोड़ रहे हैं। हिंदी के सभी ब्‍लॉग्‍स की सूची यानी लिंक्‍स है नारद ग्राम में। तो आज इतना ही... आप बस जाइए... नारद डॉट अक्षरग्राम डॉट कॉम पर।

  © Blogger template 'Solitude' by Ourblogtemplates.com 2008 Customized by Nitin Vyas

Back to TOP