Saturday, July 15, 2006

वाह रे मिडीया!!

मुंबई धमाकों की खबरें तो मैनें यहां अमेरिका में जाल पर ही देखी-पढ़ी लेकिन सौभिक चक्रबर्ती के इस लेख ने बता दिया कि भारतीय टीवी चैनलों ने कितनी फालतू बडबड की होगी!

2 टिप्पणियां:

Shuaib 7/16/2006 06:04:00 AM  

मैं ने वो लेख पढा, और मीडिया वालों की दुकान कैसे चलती?

नीरज दीवान 7/16/2006 09:32:00 AM  

मज़े की बात यह है कि मीडिया की बुराई करने के लिए आपको भी मीडिया का ही सहारा लेना पड़ता है. खुद टीवी देखकर कुछ लिखा होता तो मज़ा भी आता. वैसे मीडिया को गाली देना फ़ैशन है. कुछ अरसे पहले तक यह सौभाग्य सिर्फ़ नेताओं को हासिल था.

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